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Showing posts from April, 2019

असमः कैसे हुआ बीजेपी का अपार विस्तार और क्या अब NRC-CAB से हिलेंगी जड़ें?

हवा से भेजा ये एसएमएस उस नेता का है, जिन्हें वो राज़ और काज दोनों मालूम हैं जिससे असम और उत्तर पूर्व में बीजेपी के सियासी झंडे गड़ पाए. 'बीबीसी कहां है, बीबीसी?' जी हम ही हैं बीबीसी से, बैठिए इंटरव्यू के लिए कैमरा सेटअप तैयार है. हमारी ये बात सुनते ही गुवाहाटी बीजेपी दफ़्तर से तेजी से निकले ये वो नेता हैं, जिनकी वजह से भी असम में बीजेपी पहली बार सत्ता तक पहुंच पाई. ये दो नेता हैं बीजेपी महासचिव सुनील देवधर और असम सरकार में नंबर-2 हेमंत बिस्वा सरमा. एक हिंदी भाषी पार्टी मानी जाने वाली बीजेपी असम में कैसे सफल हुई? इस सवाल का जवाब इन नेताओं से जानने की कोशिश में हमें मिली ये पहली प्रतिक्रियाएं अपने आप में एक जवाब है. ज़ाहिर है कि ये जवाब तनिक धुंधला लग सकता है. लिहाज़ा स्पष्ट जवाब के लिए आपको असम की ब्रह्मपुत्र और बराक वैली की सैर पर लिए चलते हैं. दशकों से बाहरियों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने वाले असम ने बीजेपी के आने के बाद एनआरसी प्रक्रिया को अंतिम चरण में जाते हुए भी देखा है और नागरिकता संशोधन बिल से बढ़ते ख़ौफ़ को भी. क्या इस ख़ौफ़ के बढ़ने से बीजेपी की मज़बूत जड़

बीजेपी ने जूता कांड में शामिल सांसद को नहीं दिया टिकटः प्रेस रिव्यू

कुछ वक़्त पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दो बीजेपी नेता एक सभा के दौरान पहले बहस में पड़ते हैं और उसके कुछ ही मिनट बाद एक दूसरे को मारने लगते हैं. संभवत: वो वीडियो आपको याद हो. उस वीडियो में अपनी ही पार्टी के विधायक पर जूता बरसाने वाले यूपी के संत कबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काट दिया गया है. दैनिक हिंदुस्तान अख़बार के मुताबिक़, उनके पिता को देवरिया से प्रत्याशी बनाया गया है लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया है. इसी अख़बार की एक दूसरी चुनावी ख़बर पर नज़र डालें तो अख़बार लिखता है कि कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को सिर में चोट लग गई और वो घायल हो गए. वो एक मंदिर में तुलाभरम रस्म निभा रहे थे, तभी तराज़ू का एक हिस्सा उन पर गिर गया. उन्हें छह टांके लगाए गए हैं. अब चीन की जगह भारत में बनेगा आईफ़ोन एप्पल के लिए उत्पादन करने वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन भारत में आईफ़ोन का उत्पादन शुरू करने वाली है. इसे सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. अभी आईफ़ोन उत्पादन का मुख्य केंद्र चीन है. फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप चेयरमैन का कहन

किसान बेहाल, मंदी से युवा परेशान, फिर भी मोदी पर मेहरबान: ग्राउंड रिपोर्ट

"कैन्डीडेट को वोट नहीं है, मोदी को वोट है. बीजेपी को भी वोट नहीं है, हमारी तरफ़ से तो मोदी को वोट है. चुनाव में बस मोदी ही मोदी है." "हमें तो मोदी के सारे ही काम अच्छे लग रहे हैं. उसने नोटबंदी भी की तो हमें अच्छी लगी. हमारे देश को दुनिया में चौथे नंबर पर ले आया. हमें ये भी अच्छा लगा. अब ये मुल्ला कुछ भी गाये जाएं बस इन्हें ही अच्छा नहीं लग रहा. बाक़ी सबको अच्छा लग रहा है." "काम का मंदा है. ऐसा लग रहा जैसे उद्योगपतियों ने काम में पैसा लगाना बंद कर दिया है, मुझे यही शक होता है." ये राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से कुछ ही दूर दादरी के पास एक गांव के अगड़ी जाति के लोगों की राय है. ये इलाक़ा गौतमबुद्धनगर लोकसभा क्षेत्र में आता है. राष्ट्रवाद क्या है ये पूछने पर वो कहते हैं, "देश के प्रति प्रेम ही राष्ट्रवाद है. लोगों को मोदी ने ही जागरूक किया है. अभी तक लोग सोए हुए थे. मोदी ने सबको जगा दिया है. बच्चे बच्चे को बता दिया है कि राष्ट्रवाद क्या है और वोट का अधिकार क्या है. मुझे ख़ुद ये सब पता नहीं था." वो कहते हैं, "इस समय सब जागरूक हैं, देश पर