मेरे बेटे ने बम नहीं फेंका, उसे फंसाया गया है'
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि निरंकारी भवन पर हमले के मामले में पुलिस ने धारीवाल गांव के बिक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने दावा किया कि अवतार सिंह नाम के एक शख़्स ने ग्रेनेड फेंका था और वह फिलहाल फ़रार है.
हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 20 ज़ख्मी हुए थे.
बीबीसी ने बिक्रमजीत सिंह के गांव का दौरा किया और उसके परिवार वालों और गांव वालों से बातचीत की.
22 साल के बिक्रमजीत सिंह की मां सुखविंदर कौर का कहना है कि उनके बेटे को फंसाया गया है.
सुखविंदर ने कहा, "मेरा बेटा बम से हमला क्यों करेगा? उसने ऐसा नहीं किया है. किसी ने उसे फंसा दिया है."
जब उनसे ये पूछा गया कि बिक्रमजीत को कौन फंसा सकता है तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि किसने फंसा दिया."
उन्होंने कहा, "वो कहां से बम ले आएगा, कब ले आएगा? दिन रात तो वो खेतों में काम करता है."
बिक्रमजीत ने 12वीं तक पढ़ाई की है और वो खेती का काम करते रहे हैं. उनके पिता की मौत हो चुकी है.
उनका छोटा भाई कनाडा में है.
बिक्रमजीत सिंह के रिश्तेदार सुखविंदर सिंह ने बताया, "पुलिस वाले रात को आए थे और बिक्रमजीत को उठा ले गए. ना उन्होंने किसी से कुछ पूछा और ना ही कोई बात की."
"सारा गांव उसके पक्ष में गवाही दे सकता है, यहां तक की पड़ोसी गांव भी उसके पक्ष में बोल सकता है. हमारे गांव में कोई ऐसा लड़का है ही नहीं."
खाली था अवतार सिंह का घर
दूसरे अभियुक्त अवतार सिंह, मिसरी खान गांव के रहने वाले हैं और आरएमपी डॉक्टर (रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर) हैं. फिलहाल वो फ़रार हैं. जब बीबीसी की टीम उनके घर पहुंची तो उनके घर पर कोई नहीं मिला.
बीबीसी से बातचीत में गांव वालों ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं.
अमृतसर के पास स्थित निरंकारी भवन में रविवार यानी 18 सितंबर को ग्रेनेड से हमला किया गया था.
मोटरसाइकल पर सवार दो हमलावर निरंकारी भवन पहुंचे. उनमें से एक ने बाहर खड़े लोगों को बंदूक दिखाकर सवाल किए और दूसरे ने अंदर जाकर ग्रेनेड फेंका.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि अमृतसर के पास निरंकारी भवन पर हुए हमले की साज़िश पाकिस्तान में रची गई थी.
उन्होंने दावा किया कि अवतार सिंह नाम के एक शख़्स ने ग्रेनेड फेंका था और वह फिलहाल फ़रार है.
हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 20 ज़ख्मी हुए थे.
बीबीसी ने बिक्रमजीत सिंह के गांव का दौरा किया और उसके परिवार वालों और गांव वालों से बातचीत की.
22 साल के बिक्रमजीत सिंह की मां सुखविंदर कौर का कहना है कि उनके बेटे को फंसाया गया है.
सुखविंदर ने कहा, "मेरा बेटा बम से हमला क्यों करेगा? उसने ऐसा नहीं किया है. किसी ने उसे फंसा दिया है."
जब उनसे ये पूछा गया कि बिक्रमजीत को कौन फंसा सकता है तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि किसने फंसा दिया."
उन्होंने कहा, "वो कहां से बम ले आएगा, कब ले आएगा? दिन रात तो वो खेतों में काम करता है."
बिक्रमजीत ने 12वीं तक पढ़ाई की है और वो खेती का काम करते रहे हैं. उनके पिता की मौत हो चुकी है.
उनका छोटा भाई कनाडा में है.
बिक्रमजीत सिंह के रिश्तेदार सुखविंदर सिंह ने बताया, "पुलिस वाले रात को आए थे और बिक्रमजीत को उठा ले गए. ना उन्होंने किसी से कुछ पूछा और ना ही कोई बात की."
"सारा गांव उसके पक्ष में गवाही दे सकता है, यहां तक की पड़ोसी गांव भी उसके पक्ष में बोल सकता है. हमारे गांव में कोई ऐसा लड़का है ही नहीं."
खाली था अवतार सिंह का घर
दूसरे अभियुक्त अवतार सिंह, मिसरी खान गांव के रहने वाले हैं और आरएमपी डॉक्टर (रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर) हैं. फिलहाल वो फ़रार हैं. जब बीबीसी की टीम उनके घर पहुंची तो उनके घर पर कोई नहीं मिला.
बीबीसी से बातचीत में गांव वालों ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं.
अमृतसर के पास स्थित निरंकारी भवन में रविवार यानी 18 सितंबर को ग्रेनेड से हमला किया गया था.
मोटरसाइकल पर सवार दो हमलावर निरंकारी भवन पहुंचे. उनमें से एक ने बाहर खड़े लोगों को बंदूक दिखाकर सवाल किए और दूसरे ने अंदर जाकर ग्रेनेड फेंका.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि अमृतसर के पास निरंकारी भवन पर हुए हमले की साज़िश पाकिस्तान में रची गई थी.
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