यमन में भूखों के मुंह से खाना छीन रहे हैं विद्रोही
राजनीति में भी कई ऐसे पल आए जिनके बारे में भविष्य में ज़िक्र होता रहेगा. कुछ ऐसे पल कैमरे में भी क़ैद हुए.
पेश हैं राजनीति से जुड़ी कुछ ऐसी ही चुनिंदा तस्वीरें.
ऊपर दिख रही पहली तस्वीर कर्नाटक में कांग्रेस की गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के मौक़े पर ली गई थी.
ये तस्वीर इसलिए ख़ास बन गई क्योंकि इसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीएसपी प्रमुख मायावती काफ़ी करीब नज़र आ रही हैं. तस्वीर में राहुल गांधी भी हैं. जो दोनों महिलाओं के स्नेह को देखकर ख़ुश हो रहे हैं.
इस साल जुलाई में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में एक लंबा भाषण दिया और अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगा लिया. ये तस्वीर उस वक़्त ख़ूब वायरल हुई थी.
ये साल कांग्रेस के लिए काफ़ी अहम रहा. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनी.
राजस्थान में सरकार तो बन गई, लेकिन फिर पेंच मुख्यमंत्री पद के उम्मीवार पर जा फंसा.
रेस में दो नाम थे. दो बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट. आख़िरकार कांग्रेस ने युवा पायलट के मुक़ाबले अनुभवी गहलोत को वरीयता दी.
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर ये तस्वीर शेयर की और लिखा 'यूनाइटेड कलर्स ऑफ़ राजस्थान'.
ऐसे में नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए महागठबंधन की कोशिशें ज़ोरों पर हैं. ये तस्वीर उसी कोशिश की एक झलक पेश करती है.
ये तस्वीर 10 सितंबर को ली गई थी, जब सभी विपक्षी पार्टियों ने तेल के बढ़े दामों को लेकर भारत बंद बुलाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी के रिश्तों पर अकसर चुटकी ली जाती है. इन दोनों की कई तस्वीरें इस साल चर्चा का विषय बनी.
उनमें से एक तस्वीर ऊपर दिख रही है. ये तस्वीर इस साल आठ नवंबर को आडवाणी के जन्मदिन के मौक़े पर ली गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये तस्वीर अपने ट्वीटर पर शेयर की थी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल की ये तस्वीर इस साल 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति की संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान की है.
ये साल अजीत डोभाल के लिए विवादित रहा. केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर दावा किया कि अजीत डोभाल ने जाँच में दखलअंदाज़ी की.
याचिका में आरोप लगाया गया कि सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ चल रही जाँच में डोभाल ने हस्तक्षेप किया.
पेश हैं राजनीति से जुड़ी कुछ ऐसी ही चुनिंदा तस्वीरें.
ऊपर दिख रही पहली तस्वीर कर्नाटक में कांग्रेस की गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के मौक़े पर ली गई थी.
ये तस्वीर इसलिए ख़ास बन गई क्योंकि इसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीएसपी प्रमुख मायावती काफ़ी करीब नज़र आ रही हैं. तस्वीर में राहुल गांधी भी हैं. जो दोनों महिलाओं के स्नेह को देखकर ख़ुश हो रहे हैं.
इस साल जुलाई में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में एक लंबा भाषण दिया और अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगा लिया. ये तस्वीर उस वक़्त ख़ूब वायरल हुई थी.
ये साल कांग्रेस के लिए काफ़ी अहम रहा. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनी.
राजस्थान में सरकार तो बन गई, लेकिन फिर पेंच मुख्यमंत्री पद के उम्मीवार पर जा फंसा.
रेस में दो नाम थे. दो बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट. आख़िरकार कांग्रेस ने युवा पायलट के मुक़ाबले अनुभवी गहलोत को वरीयता दी.
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर ये तस्वीर शेयर की और लिखा 'यूनाइटेड कलर्स ऑफ़ राजस्थान'.
ऐसे में नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए महागठबंधन की कोशिशें ज़ोरों पर हैं. ये तस्वीर उसी कोशिश की एक झलक पेश करती है.
ये तस्वीर 10 सितंबर को ली गई थी, जब सभी विपक्षी पार्टियों ने तेल के बढ़े दामों को लेकर भारत बंद बुलाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी के रिश्तों पर अकसर चुटकी ली जाती है. इन दोनों की कई तस्वीरें इस साल चर्चा का विषय बनी.
उनमें से एक तस्वीर ऊपर दिख रही है. ये तस्वीर इस साल आठ नवंबर को आडवाणी के जन्मदिन के मौक़े पर ली गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये तस्वीर अपने ट्वीटर पर शेयर की थी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल की ये तस्वीर इस साल 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति की संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान की है.
ये साल अजीत डोभाल के लिए विवादित रहा. केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर दावा किया कि अजीत डोभाल ने जाँच में दखलअंदाज़ी की.
याचिका में आरोप लगाया गया कि सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ चल रही जाँच में डोभाल ने हस्तक्षेप किया.
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