प्रियंका गांधी का पीछा करेंगे रॉबर्ट वाड्रा के ये विवाद
प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में कूद चुकी हैं. कांग्रेस ने उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया है.
लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की ज़िम्मेदारी दी गई है.
आम तौर पर बयानों और सभाओं से किनारा रखने वाली प्रियंका गांधी, कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी हैं.
प्रियंका के राजनीति में आने से एक ओर जहां कांग्रेस उत्साहित है, वहीं प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा को परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है.
पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग अपने सभी भाषणों में रॉबर्ट वाड्रा का जिक्र 'दामाद जी' कह कर किया करते थे और कांग्रेस परिवार पर उन्हें फायदा पहुंचाने और दामाद के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते थे.
अप्रैल 2014 में छत्तीसगढ़ के विश्रामपुर में एक रैली के दौरान मोदी ने "दामाद जी" का जिक्र करते हुए कहा था, "ये मां-बेटे का जादू देखो, जो एक लाख को तीन सौ करोड़ कर देते हैं."
हालांकि कांग्रेस परिवार इन आरोपों को खारिज करता रहा है.
वाड्रा और विवाद, दोनों साथ-साथ चलते रहे हैं. प्रियंका गांधी के राजनीति में आने के बाद अब उन्हें वाड्रा से जुड़े विवादों का भी सामना सीधे तौर पर करना पड़ेगा.
उन पर वाड्रा के किए गए कथित भ्रष्टाचारों पर भी जवाब देने का दबाव होगा. चलिए जानते हैं वाड्रा कौन हैं और वो किन-किन आरोपों में घिरे हैं.
यूँ तो रॉबर्ट वाड्रा उस समय से ही चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सबसे प्रभावशाली महिला सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी से शादी की थी.
उस वक्त भारत का ये नवविवाहित जोड़ा न सिर्फ चर्चा में रहा बल्कि लोग जानना चाहते थे कि ये रॉबर्ट वाड्रा हैं कौन.
रॉबर्ट वाड्रा का दरअसल हैंडिक्राफ्ट आइटम्स और कस्टम आभूषणों का कारोबार है और उनकी कंपनी का नाम है आर्टेक्स एक्सपोर्ट्स.
रॉबर्ट वाड्रा 18 अप्रैल, 1969 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में पैदा हुए. मुरादाबाद भारत में पीतल के काम के लिए प्रसिद्ध है. उनके पिता राजेंद्र वाड्रा पीतल व्यवसायी थे और मां मूलत: स्कॉटलैंड की रहने वाली थीं.
मूल रूप से वाड्रा परिवार पाकिस्तान के सियालकोट से है, भारत विभाजन के समय राजेंद्र वाड्रा के पिता यानी रॉबर्ट वाड्रा के दादा भारत आकर बस गए थे.
रॉबर्ट वाड्रा के एक भाई और एक बहन थीं. 2001 में उनकी बहन की कार दुर्घटना में मौत हो गई थी और 2003 में उनके भाई ने आत्महत्या कर ली थी.
2009 में उनके पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. रॉबर्ट वाड्रा के एक बेटा और एक बेटी है.
रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी की मुलाकात 1991 में दिल्ली में एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी. बाद में दोनों की नज़दीकियां बढ़ीं और दोनों ने 18 फरवरी, 1997 को शादी कर ली.
अक्तूबर 2012 में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए कि रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली और आसपास में कई ज़मीन-जायदाद खरीदी और उसके लिए धन आया रियल इस्टेट कंपनी डीएलएफ़ की ओर से, जिसने रॉबर्ट वाड्रा को "ग़ैर ज़मानती ब्याज मुक्त कर्ज़" दिए.
वाड्रा और डीएलएफ़ दोनो ने आरोपों से इनकार किया था. मामले की जांच चल रही है और उन पर और उनकी कंपनी पर कई मामले दर्ज किए गए हैं.
आरोप लगाए गए कि वाड्रा ने इसके लिए गांधी परिवार के नाम का ग़लत इस्तेमाल किया था.
आईएएस अफ़सर अशोक खेमका को वाड्रा के ज़मीन विवाद मामले में व्हिसल-ब्लोअर माना जाता है और रिपोर्टों के मुताबिक़ सरकारों के फ़ैसलों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के कारण 23 सालों में उनका 45 बार तबादला हो चुका है.
अशोक खेमका का आरोप था कि कांग्रेस सरकार ने उन पर इसलिए निशाना साधा और परेशान किया क्योंकि उन्होंने रॉबर्ड वाड्रा और डीएलएफ़ के बीच समझौते को रद्द कर दिया.
लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की ज़िम्मेदारी दी गई है.
आम तौर पर बयानों और सभाओं से किनारा रखने वाली प्रियंका गांधी, कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी हैं.
प्रियंका के राजनीति में आने से एक ओर जहां कांग्रेस उत्साहित है, वहीं प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा को परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है.
पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग अपने सभी भाषणों में रॉबर्ट वाड्रा का जिक्र 'दामाद जी' कह कर किया करते थे और कांग्रेस परिवार पर उन्हें फायदा पहुंचाने और दामाद के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते थे.
अप्रैल 2014 में छत्तीसगढ़ के विश्रामपुर में एक रैली के दौरान मोदी ने "दामाद जी" का जिक्र करते हुए कहा था, "ये मां-बेटे का जादू देखो, जो एक लाख को तीन सौ करोड़ कर देते हैं."
हालांकि कांग्रेस परिवार इन आरोपों को खारिज करता रहा है.
वाड्रा और विवाद, दोनों साथ-साथ चलते रहे हैं. प्रियंका गांधी के राजनीति में आने के बाद अब उन्हें वाड्रा से जुड़े विवादों का भी सामना सीधे तौर पर करना पड़ेगा.
उन पर वाड्रा के किए गए कथित भ्रष्टाचारों पर भी जवाब देने का दबाव होगा. चलिए जानते हैं वाड्रा कौन हैं और वो किन-किन आरोपों में घिरे हैं.
यूँ तो रॉबर्ट वाड्रा उस समय से ही चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सबसे प्रभावशाली महिला सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी से शादी की थी.
उस वक्त भारत का ये नवविवाहित जोड़ा न सिर्फ चर्चा में रहा बल्कि लोग जानना चाहते थे कि ये रॉबर्ट वाड्रा हैं कौन.
रॉबर्ट वाड्रा का दरअसल हैंडिक्राफ्ट आइटम्स और कस्टम आभूषणों का कारोबार है और उनकी कंपनी का नाम है आर्टेक्स एक्सपोर्ट्स.
रॉबर्ट वाड्रा 18 अप्रैल, 1969 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में पैदा हुए. मुरादाबाद भारत में पीतल के काम के लिए प्रसिद्ध है. उनके पिता राजेंद्र वाड्रा पीतल व्यवसायी थे और मां मूलत: स्कॉटलैंड की रहने वाली थीं.
मूल रूप से वाड्रा परिवार पाकिस्तान के सियालकोट से है, भारत विभाजन के समय राजेंद्र वाड्रा के पिता यानी रॉबर्ट वाड्रा के दादा भारत आकर बस गए थे.
रॉबर्ट वाड्रा के एक भाई और एक बहन थीं. 2001 में उनकी बहन की कार दुर्घटना में मौत हो गई थी और 2003 में उनके भाई ने आत्महत्या कर ली थी.
2009 में उनके पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. रॉबर्ट वाड्रा के एक बेटा और एक बेटी है.
रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी की मुलाकात 1991 में दिल्ली में एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी. बाद में दोनों की नज़दीकियां बढ़ीं और दोनों ने 18 फरवरी, 1997 को शादी कर ली.
अक्तूबर 2012 में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए कि रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली और आसपास में कई ज़मीन-जायदाद खरीदी और उसके लिए धन आया रियल इस्टेट कंपनी डीएलएफ़ की ओर से, जिसने रॉबर्ट वाड्रा को "ग़ैर ज़मानती ब्याज मुक्त कर्ज़" दिए.
वाड्रा और डीएलएफ़ दोनो ने आरोपों से इनकार किया था. मामले की जांच चल रही है और उन पर और उनकी कंपनी पर कई मामले दर्ज किए गए हैं.
आरोप लगाए गए कि वाड्रा ने इसके लिए गांधी परिवार के नाम का ग़लत इस्तेमाल किया था.
आईएएस अफ़सर अशोक खेमका को वाड्रा के ज़मीन विवाद मामले में व्हिसल-ब्लोअर माना जाता है और रिपोर्टों के मुताबिक़ सरकारों के फ़ैसलों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के कारण 23 सालों में उनका 45 बार तबादला हो चुका है.
अशोक खेमका का आरोप था कि कांग्रेस सरकार ने उन पर इसलिए निशाना साधा और परेशान किया क्योंकि उन्होंने रॉबर्ड वाड्रा और डीएलएफ़ के बीच समझौते को रद्द कर दिया.
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